परखना मत, परखने में कोई अपना नहीं रहता
किसी भी आईने में देर तक चेहरा नहीं रहता
बड़े लोगों से मिलने में हमेशा फ़ासिला रखना
जहाँ दरिया समंदर से मिला, दरिया नहीं रहता
हज़ारो शेर मेरे सो गए काग़ज़ की कब्रों में
अजब माँ हूँ, कोई बच्चा मेरा ज़िंदा नहीं रहता
मोहब्बत एक खुश्बू है हमेशा साथ चलती है
कोई इंसान तन्हाई में भी तनहा नहीं रहता
तुम्हारा शहर तो बिलकुल नए अंदाज़ वाला है
हमारे शहर में भी कोई अब हमसा नहीं रहता
Ooooo....
ReplyDeleteWOW yaar
Damn awesome
Amazing indeed
Loved it a lot
The lines r so true!!!!
Great poetry
Thanks my Lovely reader, May i know your name plz! Then I will post here a poem for you (with your name)
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